बहुराष्ट्रीय कार कंपनियों से पिछडऩे के बाद टाटा मोटर्सभारतीय बाजार में नई रणनीति से हलचल मचाने को तैयार है। कंपनी ने कार बाजार के जिस वर्ग (छोटे कार) में सबसे ज्यादा धोखे खाए हैं, अब उसी में उसका सबसे ज्यादा ‘फोकस’ है। हैचबैक कार बाजार में पिछले हफ्ते ‘बोल्ट’ नाम से नई कार उतारने के बाद टाटा मोटर्स का पूरा ध्यान अब छोटी कार बाजार पर है। पूरी तरह से भारतीय ग्राहकों की जरूरत व ट्रेंड को ध्यान में रखकर कंपनी नई छोटी कार तैयार कर रही है। यह कार सीधे तौर पर सुजुकी और हुंडई की अल्टो व इऑन को टक्कर देगी।
टाटा मोटर्स की नई छोटी कार अगले दो वर्षों के भीतर भारतीय बाजार में लांच की जाएगी। वैसे तो इसे कंपनी के भारतीय प्लांट में ही तैयार किया जाएगा, लेकिन इसकी डिजाइनिंग, इंजन वगैरह में इटली और ब्रिटेन स्थित सहयोगी फर्मों का भी साथ मिलेगा। भारतीय बाजार में टाटा मोटर्स की महत्वाकांक्षी कार नैनो लांच होने के चार-पांच वर्षों बाद भी कोई खास पहचान नहीं बना पाई है। कंपनी की तरफ से इसकी बिक्री बढ़ाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन अभी तक सफलता हासिल नहीं हुई है। नैनो के खराब प्रदर्शन से कंपनी की कार बाजार में हिस्सेदारी भी लगातार घटती रही। अब टाटा मोटर्स ने हॉरिजन नेक्स्ट नाम से अपनी नई रणनीति बनाई है। इसके तहत जेस्ट और बोल्ट नाम से दो कारें पांच महीनों के भीतर लांच की जा चुकी हैं।
टाटा मोटर्स के शीर्ष अधिकारी ने दैनिक जागरण को बताया कि ‘बोल्ट की लांचिंग हमारे बढ़ते आत्मविश्वास का नतीजा है। अब कंपनी का जोर नए उत्पाद लांच कर बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने पर है। कंपनी वर्ष 2015 में दो और नई कारें लांच करेगी। अगले पांच वर्षों तक हर वर्ष दो नई कारें लांच की जाएंगी। इसमें कुछ छोटी कारें, कुछ कॉम्पैक्ट और सस्ती एसयूवी भी होंगी।’ घरेलू बाजार में जितनी कारें बिकती हैं, उसमें 80 फीसद इन्हीं वर्गों का हिस्सा होता है। कंपनी ने राइट इश्यू के जरिए बाजार से 7,500 करोड़ रुपये जुटाने का फैसला किया है। इसका इस्तेमाल नई कारों को तैयार करने में किया जाएगा।
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