दिल्ली छावनी बोर्ड के सम्पन्न हुये चुनाव में भाजपा को मिली भारी जीत यह दिखाती है कि दिल्ली की जनता की पहली पसंद भाजपा है। यह उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव में दिल्ली छावनी विधानसभा से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुरेन्द्र सिंह विजयी हुये थे। इस बार छावनी बोर्ड के लिए हुये चुनाव में आठ सीटों में से भाजपा को पांच, कांग्रेस को दो और आम आदमी पार्टी को केवल एक सीट मिली है। यह चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए नये वर्ष में पहला बड़ा धक्का है जो स्वयं अपनी पार्टी को दिल्ली की पहली पसंद बताती थी।
लगभग एक वर्ष पूर्व सम्पन्न दिल्ली विधानसभा चुनावों के समय की स्थिति और अब की स्थिति में जमीन –आसमान का अंतर है I यदि पिछले विधानसभा चुनावों पर गौर करें तो ध्यान में आता है की उस समय केंद्र व दिल्ली प्रदेश, दोनों जगह कांग्रेस की सरकारें थीं i केंद्र की दस व प्रदेश की पन्द्रह साल की सरकारों से त्रस्त लोग कांग्रेस को सत्ता से हटाना चाहते थे, कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने की जनता के रुख का फायदा उठाते हुवे आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के चुनावों में बड़ी सफलता प्राप्त की , जो वास्तव में कांग्रेस का गुस्सा था न कि आम आदमी पार्टी का जनाधार I
अब बदली हुई परिस्थतियो में लोकसभा में मोदी के नेतृत्व में पूर्णबहुमत के साथ केंद्र में सरकार बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनावों के बाद जिन –जिन राज्यों में चुनाव हुवे वहां सरकार बनाने में सफल रही , केवल जम्मू – कश्मीर विवाद है , लेकिन वहां अभी किसी की सरकार नहीं बनी हैI
जनता हमेशा विकास के साथ आगे बढ़ना चाहती है और जनता को यह बात अच्छी तरह से पता है कि दिल्ली का विकास बिना केंद्र सरकार के सहयोग के सम्भव नहीं है I अतः दिल्ली की जनता भारतीय जनता पार्टी के साथ दिल्ली में पूर्णबहुमत की सरकार बनागी I ऐसी परिस्थतियो में इस विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक नुकसान आम आदमी पार्टी के जनाधार को होगा , आम आदमी पार्टी को लगभग 10-12 सीटों का बड़ा नुकसान हो सकता है , और भारतीय जनता पार्टी को लगभग इतने ही सीटों का फायदा हो सकता है कांग्रेस की स्थिति जस की तस बनी रहेगी I
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