नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के संयुक्त रेडियो संदेश मन की बात में दोनों नेताओं ने लोगों के सवालों के जवाब दिए। मोदी ने भारत के युवाओं के सवाल ओबामा तक पहुंचाए साथ ही खुद से पूछे गए सवालों के भी जवाब दिए।
दोनों दिग्गज नेताओं ने एक बार फिर खुलकर बात की। ये पहला मौका था जब दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के बेहद ताकतवर नेताओं ने एक साथ अपने अपने मन की बातें की। जनता से संवाद कायम किया, वो भी रेडियो के जरिए। वो रेडियो जो देश की गलियों, कूचों तक पहुंचता है सुना जाता है। पीएम मोदी पहले भी तीन बार देश की जनता से रेडियो के जरिए मन की बात कर चुके हैं। लेकिन इस बार मन की बात सबसे खास है क्योंकि इस दफे पीएम मोदी अकेले नहीं थे।
सबसे पहले मोदी ने बराक का मतलब समझाया। मोदी ने कहा कि बराक का मतलब है जिसे आशीर्वाद प्राप्त हो। जबकि ओबामा ने अपने भाषण की शुरुआत नमस्ते से की। ओबामा ने कहा कि भारत के लोगों से सीधे बात करना बेहद खास रहा। दो महान लोकतंत्र, दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंध आगे और मजबूत होंगे।
इसके बाद मोदी ने एक श्रोता का सवाल ओबामा से पूछा कि आप अपनी बेटियों को भारत के अनुभव कैसे बताएंगे। मोदी इस पर ओबामा ने कहा कि मेरी दोनों बेटियां भारत आना चाहती थीं, लेकिन उनकी परीक्षा थी। उनके मन में भारत के लिए गहरा प्रेम आस्था है। मैं उनसे कहूंगा कि उनकी सोच सही थी। अगली बार जब भारत आऊंगा तो बेटियों को लेकर आऊंगा।
एक श्रोता ने मोदी से वर्षों पहले अमेरिका दौरे में व्हाइट हाउस के बाहर खड़े होने का अनुभव जानना चाहा। इस पर मोदी ने कहा कि ओबामा ने मुझे 1894 की एक किताब दी थी जो स्वामी विवेकानंद पर थी। मोदी व्हाइट हाउस के बाहर था तो सोचा नहीं था कि एक दिन यहां आऊंगा। साथ ही मोदी ने कहा कि कुछ भी बनने के सपने मत देखो, कुछ करने के सपने देखो। मैंने जीवन में कभी कुछ बनने का सपना नहीं देखा था।
मोदी से सवाल पूछा गया कि अमेरिका की कौन सी हस्ती आपको पसंद है? इस पर मोदी ने कहा कि मैंने बेंजामिन फ्रैंकलिन की जीवनी पढ़ी है। मैं उनसे प्रभावित रहा हूं। मोदी बेंजामिन सामान्य परिवार से थे, उन्होंने अमेरिका पर प्रभाव छोड़ा है। आपको भी एक बार जरूर पहनना चाहिए। ओबामा से सवाल पूछा गया कि मुश्किलों के बीच आपकी प्रसन्नता का क्या राज है? ओबामा ने कहा कि जो मुद्दे मेरे पास आते हैं मैं जानता हूं कोई और उसे हल नहीं कर सकता। हर रोज कोई मिलता है जो कहता है आपने मेरे जीवन में बदलाव किया है। दूसरों की मदद करने में सबसे ज्यादा संतोष होता है।
अंत में मोदी ने कहा कि मैं ओबामा का आभारी हूं कि उन्होंने इतना समय दिया। मन की बात के आयोजकों को ई बुक निकालनी चाहिए जिसमें 100 सर्वश्रेष्ठ विचार हों। इसके लिए लोग अपने विचार दे सकते हैं।
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