शंकराचार्य मध्यप्रदेश के बैतूल में धर्म संसद में हिस्सा लेने आए थे इस दौरान उन्होंने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान ओबामा द्वारा धर्म को लेकर भारत को दी गई सीख के सवाल पर कहा कि ओबामा हमें नसीहत न दें बल्कि पहले अपने धर्मगुरू को धर्म के आधार पर बंटवारे का प्रचार करने से रोकें । ओबामा की नसीहत हमारे देश के लिये अपमान है जिसे मोदी ने आराम से सुन लिया । उन्होंने कहा कि मोदी भले ही पहले गरीब हो या फिर चाय बेचते रहे हो लेकिन अब तो वे भारत के प्रधानमंत्री है इसलिये उन्हें अपने पद की गरिमा का ध्यान रखना आवश्यक था । मोदी ने अपने हाथों से ओबामा को चाय बनाकर पिलाने से साबित कर दिया कि हम किसी के भी आगे झुक सकते हैं ।
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