जब Reliance Industries Limited ने 17 अक्टूबर को अपना क्वार्टरली परिणाम घोषित किया, तो बाजार के दिल धड़कने लगे। उसी दिन HDFC Bank Limited, Infosys Limited और Nestlé India Limited भी अपने आंकड़े बयां करेंगे। इस हफ्ते कुल 212 कंपनियाँ अपनी Q2 FY26 कमाई का खुलासा करेंगी, जिसके दौरान निफ्टी 50 कंपनियों को लगभग 6 % साल-दर-साल राजस्व वृद्धि की उम्मीद है।
क्वार्टरली परिणाम मौसम की शुरुआत
सेप्टेम्बर‑2025 के तिमाही के परिणाम 9 अक्टूबर से शुरू हुए, जब Tata Consultancy Services (TCS) ने सबसे पहले अपनी कमाई रिपोर्ट की। इस Q2 FY26 Earnings WeekIndia में अगले छह दिनों में विविध क्षेत्रों की 212 कंपनियों की संख्या देखी जाएगी। समाचार का मुख्य स्रोत Economic Times ने बताया कि इस श्रेणी में बैंकों, आईटी, बीमा और उपभोक्ता वस्तुओं की कंपनियाँ प्रमुख होंगी।
मुख्य कंपनियों के परिणाम शेड्यूल
सोमवार, 13 अक्टूबर को 12 कंपनियों ने अपना आंकड़ा जारी किया। उनमें HCL Technologies (हेडक्वार्टर Noida), Indian Bank (मुख्यालय Chennai), और Tech Mahindra Limited (मुख्यालय Pune) शामिल थे। मंगलवार को 9 कंपनियों में Axis Bank Limited और Wipro Limited का नाम था। बुधवार को Infosys Limited, Jio Financial Services Limited और Nestlé India Limited ने अपना डेटा बताया। गुरुवार को Havells India Limited और Dixon Technologies (India) Limited लिए दिन था। और अंत में, शुक्रवार को Reliance Industries Limited ने अपने आंकड़े पेश किए, जबकि HDFC Bank Limited, RBL Bank Limited और Yes Bank Limited ने अपना बॉर्डर खोल दिया।
बैंकों और आईटी सेक्टर की प्रमुख आँकड़े
बैंकिंग क्षेत्र के निवेशक मुख्य रूप से लोन ग्रोथ और एसेट क्वालिटी पर नज़र रखेंगे। HDFC Bank Limited के लिए कैपिटल एडेप्टनेस रेशियो (CAR) का बढ़ना और RBL Bank Limited की नॉन‑परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) घटाव खास महत्व रखेगा। इस बँकिंग सत्र में, एनालिस्ट्स ने कहा है कि यदि Yes Bank Limited अपनी रीस्ट्रक्चरिंग को सफलतापूर्वक पूरा कर लेता है, तो उसका शेयर दवाब कम हो सकता है।
आईटी कंपनियों में, HCL Technologies और Tech Mahindra Limited के मार्जिन बेहतर रहने की संभावना है। दोनों कंपनियों ने पिछले तिमाही में क्लाउड और डिजिटल सेवाओं से राजस्व में 12 % की वृद्धि दर्ज की थी। एनालिस्ट्स ने बताया कि Infosys Limited के लिए भी सप्लाई‑चेन सुधार और अमेरिकी क्लाइंट बेस की मजबूती महत्वपूर्ण होगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का अनुमानित प्रदर्शन
रिलायंस के आंकड़े Univest द्वारा 13 अक्टूबर को प्रकाशित किए गए अनुमान के अनुसार, Q2 FY26 में राजस्व ₹15,932 क्रोर से ₹16,348 क्रोर के बीच रहने की उम्मीद है, जो 23.9 %‑35.7 % साल‑दर‑साल वृद्धि दर्शाता है। PAT (Profit After Tax) लगभग 8 % की वृद्धि दिखाएगा, जबकि क्वार्टर‑ऑन‑क्वार्टर PAT 40 % तक उछाल दिखा सकता है। EBITDA को 21 % की साल‑दर‑साल बढ़ोतरी के साथ ₹1,349 क्रोर तक पहुँचने की भविष्यवाणी की गई है।
शेयर मूल्य के संदर्भ में, रिलायंस के स्टॉक ने 13 अक्टूबर को ₹1,374.89 पर ट्रेड किया, 13 % की छह‑महीने की रिटर्न के साथ। एक साल में 17.41 % और पाँच साल में 26.35 % की रिटर्न दर्ज हुई है। इस बढ़ती गति के पीछे कंपनी की रिफाइनरी और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म दोनों में स्थायी निवेश, साथ ही पेट्रोकेमिकल्स के विस्तार को प्रमुख कारण माना जा रहा है।
आगामी प्रॉम्प्ट और निवेशकों के लिए संकेत
वित्तीय बाजारों में अब तक का रुझान यह बताता है कि निफ्टी 50 के कुल मिलाकर 6 % की साल‑दर‑साल वृद्धि अपेक्षित है। तेज़ी से बढ़ते उपभोक्ता खर्च, डिजिटल सेवाओं की माँग और ऊर्जा मूल्य के स्थिर रहने का मिश्रण इस अनुमान को समर्थन दे रहा है। निवेशकों को खासतौर पर निम्न बातों पर नज़र रखनी चाहिए:
- बैंकों की लोन पोर्टफ़ोलियो में भौगोलिक विविधता और एग्री-सेक्टर्स का प्रदर्शन;
- आईटी और डिजिटल सेवा कंपनियों की ग्रॉस मार्जिन में स्थिरता;
- रिलायंस के रिफाइनरी कैपेक्स एवं डिजिटल टेलीकॉम सटाफ़़ निकट‑भविष्य में किस हद तक रिटर्न दे पाते हैं;
- FMCG में नेस्ले इंडिया की कीमत‑समायोजन और भोजन‑पेय छूट की प्रभावशीलता;
- अंतिम दो दिनों में छोटे‑और‑मध्यम आकार की कंपनियों के परिणाम, जो कुल़ मिलाकर एग्री‑क्लस्टर की सेहत को रेखांकित करेंगे।
संक्षेप में, इस सप्ताह के आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था की समग्र गति को मापेंगे। किसी भी बड़े बदलाव के सामने, बाजार की प्रतिक्रिया अक्सर जल्दी और तीव्र होती है, इसलिए ट्रेडर्स और पोर्टफ़ोलियो मैनेजर्स को लिवरेज और जोखिम प्रबंधन में सतर्क रहना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q2 FY26 में बैंकों के परिणाम निवेशकों को कैसे प्रभावित करेंगे?
बैंकों का लोन ग्रोथ और एसेट क्वालिटी सीधे वाणिज्यिक विस्तार और जोखिम प्रोफ़ाइल को दर्शाते हैं। यदि HDFC Bank की कैपिटल एडेप्टनेस 15 % से ऊपर बनी रहती है, तो उसका शेयर स्थिरता दर्शाएगा, जबकि RBL Bank या Yes Bank में NPA में गिरावट निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत होगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अनुमानित राजस्व वृद्धि का क्या अर्थ है?
Univest के आँकड़ों के अनुसार, राजस्व में 23.9‑35.7 % की बढ़ोतरी कंपनी के रिफाइनरी, पेट्रोकेमिकल और डिजिटल उपक्रमों की मजबूती को दर्शाती है। यदि वास्तविक परिणाम इस रेंज के भीतर आए, तो रिलायंस के शेयर में अतिरिक्त 5‑7 % की फ्रंट‑रन अपट्रेंड की संभावना बनेगी।
इन्फोसिस के Q2 परिणामों को कौन से कारक प्रभावित करेंगे?
इन्फोसिस की आय मुख्य रूप से डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन प्रोजेक्ट्स और क्लाउड सेवाओं पर निर्भर है। अमेरिकी क्लाइंट बेस में 10 % की वृद्धि और यूरोपीय डेटा सेंटर्स की विस्तार योजना यदि Q2 में फॉलो‑थ्रू होगी, तो मार्जिन में 3‑4 % का अतिरिक्त बूस्ट मिल सकता है।
नेस्ले इंडिया के परिणाम उपभोक्ता खर्च पर क्या संकेत देते हैं?
नेस्ले की बिक्री में यदि 5‑6 % की वृद्धि हुई, तो यह दर्शाएगा कि मध्यम वर्ग के खाने‑पीने के प्रीमियम ब्रांडों पर भरोसा बढ़ रहा है। कीमत‑समायोजन और नई प्रोडक्ट लॉन्च की सफलता इस आंकड़े को और छाँट सकती है।
कुल मिलाकर निफ्टी 50 की 6 % YoY वृद्धि का क्या महत्व है?
6 % की साल‑दर‑साल वृद्धि अंशतः आर्थिक पुनरुद्धार और कॉर्पोरेट लाभप्रदता में सुधार को प्रतिबिंबित करती है। यदि इस ट्रेंड को Q3 में सतत रखा गया, तो विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय इक्विटी बाजार आकर्षक बनता रहेगा, जिससे पूँजी प्रवाह में और तेज़ी आ सकती है।