GSDP क्या है? – भारतीय राज्य की आर्थिक ताकत समझें
जब आप राष्ट्रीय GDP सुनते हैं, तो अक्सर राज्य‑स्तर की आंकड़े याद नहीं आते। लेकिन हर राज्य का अपना उत्पादन होता है, उसे हम GSDP कहते हैं – Gross State Domestic Product. सरल शब्दों में, यह एक साल में उस राज्य ने जितना माल और सेवाएं बनाई, उनका कुल मूल्य है.
GSDP को जानना इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाता है कि कौन से राज्य तेज़ी से बढ़ रहे हैं, किसे निवेशकों की ज़रूरत है, और सरकारें अपना बजट कैसे बना रही हैं. अगर आप सरकारी योजनाओं, नौकरी के अवसरों या रियल एस्टेट में रुचि रखते हैं, तो GSDP की समझ आपके फैसलों को सुदृढ़ बनाती है.
GSDP कैसे निकाला जाता है?
GSDP निकालने की प्रक्रिया राष्ट्रीय GDP जैसी ही होती है, बस सीमा सिर्फ एक राज्य तक सीमित रहती है. सबसे पहले कृषि, उद्योग और सेवा‑सेक्टर्स से मिलने वाला उत्पादन मूल्य मिलाया जाता है. फिर कर, सब्सिडी और आयात‑निर्यात के अंतर को समायोजित किया जाता है. अंत में, वार्षिक आँकड़ों को मौद्रिक स्थिरता के लिये मूल्य‑समायोजन (इंडेक्सिंग) किया जाता है.
आंकड़े आमतौर पर राज्य की योजना आयोग (अब NITI) या केंद्र के सांख्यिकी विभाग से मिलते हैं. ये आँकड़े हर साल जनवरी‑अप्रैल में जारी होते हैं, इसलिए आपके पास ताज़ा डेटा आसानी से मिल जाता है.
GSDP के मुख्य उपयोग और महत्व
1. निवेश निर्णय: कंपनियां उच्च GSDP वाले राज्यों में फैक्ट्री या ऑफिस लगाना पसंद करती हैं, क्योंकि वहाँ बाजार बड़ा और खरीदार अधिक होते हैं.
2. बजट वितरण: केंद्र सरकार राज्य को आवंटित निधि का बड़ा हिस्सा GSDP के आधार पर तय करती है. ज्यादा GSDP = ज्यादा फंड.
3. नौकरी की संभावना: उच्च GSDP वाले क्षेत्रों में नई कंपनियां और उद्योग आते हैं, जिससे रोजगार के मौके बढ़ते हैं.
4. नीति निर्माण: राज्य की सरकारें विकास के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए GSDP को देखती हैं. अगर कृषि में वृद्धि धीमी है, तो नई योजनाओं की जरूरत समझी जाती है.
5. शिक्षा और स्वास्थ्य में निवेश: जब राज्य की आर्थिक शक्ति बढ़ती है, तो वह शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढाँचा में ज्यादा खर्च कर पाता है, जिससे आम नागरिकों की जीवनशैली बेहतर होती है.
GSDP का उपयोग सिर्फ आंकड़े देखने तक सीमित नहीं रहता, यह असल में रोज़मर्रा की जिंदगी से जुड़ा होता है. यदि आप घर खरीदना चाहते हैं, नौकरी बदलना चाहते हैं, या किसी स्टार्ट‑अप को शुरू करना चाहते हैं, तो राज्य का GSDP देखना एक समझदार कदम है.
संक्षेप में, GSDP बताता है कि आपके राज्य की आर्थिक स्थिति कैसी है, किस सेक्टर को प्रोत्साहन चाहिए और भविष्य में कहां संभावनाएं हैं. इसे समझना कोई मुश्किल काम नहीं, बस सही स्रोत से ताज़ा आँकड़े लेना और ऊपर बताए उपयोगों को याद रखना काफी है.
सिर्फ 10 राज्य भारत के GDP का 71.6% बनाते हैं। 2025 में महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक शीर्ष पर हैं, जबकि गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश सूची पूरी करते हैं। आईटी, मैन्युफैक्चरिंग, वित्त और निर्यात—यही इनकी ताकत है। प्रति व्यक्ति आय में सikkim, गोवा और दिल्ली आगे हैं।