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केंद्र सरकार के आदेश के बाद बोकारो से लिक्विड ऑक्सीजन को लखनऊ भेजा गया है. लेकिन जब यह ऑक्सीजन लखनऊ के नादरगंज में स्थित प्लांट मे पहुंची तो प्लांट के मालिक मे गैस लेने के लिए मना कर दिया. जानकारी के मुताबिक बोकारो से लिक्विड ऑक्सीजन का ट्रक लखनऊ पहुचा था. उसके बाद लिक्विड ऑक्सीजन ट्रक को सरोजनी नगर स्थित मुरारी ऑक्सीजन प्लांट के पास लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट के लिए भेजा गया था. लेकिन मुरारी ऑक्सीजन प्लांट लिक्विड टैंक को प्लांट के मालिक ने लेने से मना कर दिया और उसको वापस भेज दिया.
लखनऊ के मुरारी ऑक्सीजन गैस प्लांट के मेनेजर के मुताबिक सरकार के तरफ से ऑक्सीजन कब तक मिलेगी इस बारे कोई भी लिखित जानकारी नहीं थी. मेनेजर का कहना था कि हम लोगों को ऑक्सीजन की सप्लाई करनी थी इस कारण पहले से ही लिक्विड ऑक्सीजन ट्रक को भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने पहले से ही इंतजाम कर लिया था. इसी कारण सरकार के द्वारा आया हुआ ट्रक वापस भेज दिया गया और खुद के लगाए हुए ट्रक से लिक्विड ऑक्सीजन के प्लांट बनाया और ऑक्सीजन का निर्माण चालू किया गया.
ऑक्सीजन एक्सप्रेस
आपको बता दें कि उत्तरप्रदेश मे ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए राज्य सरकार के द्वारा बड़े कदम उठाए जा रहे हैं. ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए बोकारो से ट्रेन के जरिए ऑक्सीजन लिक्विड का टैंकर मंगवाया जा रहा है. रेल्वे का कहना है कि -‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेनों के प्रत्येक टैंकर मे लगभग 16 टन ऑक्सीजन ले जा सकती है. वहीं UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑक्सीजन सप्लाई के लिए नए प्लांट लगाने के लिए केंद्र सरकार से बात करने के समेत अहम फैसले लिए हैं. देश मे कोरोना वायरस के बढ़ते मामलें को देखते हुए भारत के कई हिस्सों मे ऑक्सीजन की भारी कमी हो रहीं हैं. लोग ऑक्सीजन की कमी से अपनी जान गवां रहे हैं. आज गुरुवार को गुरुग्राम मे ऑक्सीजन खत्म होने के कारण एक निजी अस्पताल में 4 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई. बताया गया कि जिला प्रशासन को बार बार बोलने के बाद ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हों पा रहीं हैं. जिसके चलते 4 लोगों की जान चली गई.
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