5G Technology – दूरसंचार विभाग की तरफ से मिली 5G ट्रायल को मंजूरी, उपयोग नहीं होंगी चीन की इक्विपमेंट

0
135
5G Technology
दूरसंचार विभाग ने मंगलवार को 5G Technology परीक्षण के लिए दूरसंचार कंपनियों के आवेदनों को मंजूरी दे दी. हालांकि, ईन कंपनियों मे कोई भी कंपनी चीनी कंपनी की प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नहीं कर रही है.

दूरसंचार विभाग ने Reliance Jio, Bharti Airtel , Vodafone और MTNL के आवेदनों को इसके लिये मंजूरी दी है. इनमें से कोई भी कंपनी चीनी कंपनियों की तकनीक का उपयोग नहीं करेंगी.

दूरसंचार विभाग की तरफ से जारी बयान में 5G Technology परीक्षण के लिए स्वीकृत दूरसंचार गीयर विनिर्माताओं की सूची में एरिक्सन, Nokia , Samsung, सी-डॉट और Reliance Jio की स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकियां शामिल हैं. इसका मतलब यह है कि चीनी कंपनियां 5G परीक्षणों में हिस्सा नहीं होंगे.

दूरसंचार विभाग ने अपने एक बयान में कहा, ”दूरसंचार विभाग ने 5G तकनीक के उपयोग के परीक्षण के लिए दूरसंचार सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों को अनुमति दे दी. इसमें भारती Airtel, Reliance Jioinfocom लिमिटेड, Vodafone, Idea इंडिया लिमिटेड और MTNL शामिल हैं.”

इससे पहले भारती एयरटेल और वोडाफोन ने चीन की Huawei कंपनी की तकनीक का प्रयोग कर परीक्षण करने का प्रस्ताव पेश किया था. बाद में उन्होंने अपने आवेदन में कहा कि 5G Technology परिक्षण में वह चीन की किसी भी कंपनी की तकनीक की उपयोग नहीं करेगी. Latest WhatsApp Status 2021

विभाग ने कहा इन दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों ने एरिक्सन, Nokia, Samsung और सी-डॉट जैसे मूल उपकरण विनिर्माताओं और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ करार किया है.जबकि Reliance Jio इंफोकॉम लिमिटेड अपनी खुद की 5G तकनीक का प्रयोग करके यह परीक्षण करेगी.

दूरसंचार विभाग का यह कदम इस ओर इशारा करता है कि केंद्र सरकार चीनी कंपनियों को देश में होने वाले 5G परिक्षण मे भाग लेने से रोक सकती है.

बयान में बताया कि टेलीकॉम कंपनियों को विभिन्न बैंड में प्रयोगात्मक स्पेक्ट्रम का उपयोग करने की अनुमति दी गई है. इसमें मिड-बैंड 3.2 गीगाहर्ट्ज से 3.67 गीगाहर्ट्ज़, मिलीमीटर वेव बैंड 24.25 गीगाहर्ट्ज़ से 28.5 गीगाहर्ट्ज़ और उप-गीगाहर्ट्ज़ बैंड 700 गीगाहर्ट्ज़ तक शामिल हैं.

विभाग ने कहा दूरसंचार ऑपरेटरों को 5G Technology परीक्षणों के संचालन के लिए अपने मौजूदा 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का उपयोग करने की भी अनुमति दी जाएगी. वर्तमान में परीक्षणों की अवधि 6 महीने की है. इसमें उपकरण की खरीदी और स्थापना के लिए 2 महीने की समयावधि शामिल है.

इसके अलावा अनुमती पत्र मे यह कहा गया है कि दूरसंचार कंपनियों को 5G परीक्षण शहरी क्षेत्रों समेत ग्रामीण और अर्ध- शहरी इलाक़ों मे भी करना होगा ताकि 5G तकनीक का लाभ केवल शहरों मे ही नहीं बल्कि देशभर मे उठाया जा सके.

सोनू सूद ने कोरोना वायरस से पीड़ित गंभीर मरीज़ को झाँसी से हैदराबाद किया एयरलिफ्ट, लोगों के बीच हो रही है तारीफ

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here