कानपुर: 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध के नायक रहे परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के बेटे अली हसन की मौत हो गई, उनके परिवार वालों का कहना है कि मौत अस्पताल की लापरवाही के चलते हुई है।
अली हसन के परिवार वालों ने लाला लाजपतराय अस्पताल वालों पर आरोप लगाया कि अस्पताल वालों ने अली हसन की कोरोनावायरस टेस्ट कराने की जहमत नहीं उठाई, उनका यह भी पता ना चला कि वे कोरोना संक्रमित थे या नहीं।
अस्पताल की लापरवाही से मौत: परिजन
हसन के बेटे सलीम ने दावा किया है कि उनके पिता की मृत्यु अस्पताल के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण हुई है, सलीम ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि उनके पिता कई दिनों से बीमार थे तथा उनके इलाज के लिए उन्हें लाला लाजपतराय अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी मौत हो गई थी।
सलीम ने आरोप लगाया कि जब अस्पताल में उनके पिता की हालत खराब हुई तो ऑक्सीजन के लिए अस्पताल वालों को कहा गया तो उनकी बातों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, उनका कहना है कि उन्होंने अस्पताल वालों को भी बताया की वे अब्दुल हमीद के बेटे हैं फिर भी किसी ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया।
अस्पताल वालों ने साधी चुप्पी
वहीं इस मामले में अस्पताल वालों ने चुप्पी साध रखी है, इस मामले में अभी तक अस्पताल कि तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, इस मामले में जब गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज के प्रमुख आर बी कमल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें निधन की सूचना मिली है पर उन्होंने इस बात पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया, गौरतलब है कि अब्दुल हमीद ने सेवानिवृत्त होने के बाद यूपी में ही अपना घर बना लिया था।