ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का दावा – चीन कोरोना वायरस पर 2015 से रिसर्च कर रहा था, इसे जैविक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहता था

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ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का दावा
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का दावा – चीन कोरोना वायरस पर 2015 से रिसर्च कर रहा था, इसे जैविक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहता था

कोरोना वायरस का कहर 2020 में अचानक से नहीं आया, बल्कि चीन इसकी तैयारी 2015 से कर रहा था. चीन की सेना 6 साल पहले कोविड 19 को जैविक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के लिए साजिश रच रही थी. ‘ द वीकेंड ऑस्ट्रेलियन’ ने अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया. इस रिसर्च मे चीन के एक रिसर्च पेपर को आधार बनाया गया है. इस रिसर्च मे कहा गया कि चीन 6 साल पहले से सार्स वायरस की कि मदद से जैविक हथियार बनाने की कोशिश कर रहा था.

रिपोर्ट के अनुसार चीनी वैज्ञानिक और हेल्थ ऑफिसर्स 2015 मे ही कोरोना के अलग अलग स्ट्रेन पर चर्चा कर रहे थे. उस समय चीनी वैज्ञानिकों ने कहा था कि तीसरे विश्वयुद्ध में इसे जैविक हथियार के कि तरह उपयोग किया जाएगा. इस बात पर भी चर्चा हुई थी कि इसमे फेरबदल करके इसे महामारी के तौर पर कैसे बदला जा सकता है.

चीन हर बार जांच से पीछे हट जाता है

रिपोर्ट में इस बात पर भी सवाल उठाया गया कि जब भी वायरस की जांच करने की बात आती है तो चीन पीछे हट जाता है. ऑस्ट्रेलियाई साइबर सिक्युरिटी एक्सपर्ट रॉबर्ट पॉटर ने बताया कि ये वायरस किसी चमगादड़ के के मार्केट से नहीं फैल सकता. ये बात पूरी तरह से गलत है. चीनी रिसर्च पेपर पर गहरी स्टडी करने के बाद रॉबर्ट ने कहा कि वह रिसर्च पेपर बिल्कुल सही है. रॉबर्ट ने कहा कि हम चीन के रिसर्च पेपर पर अध्ययन करते रहते हैं. इससे पता चलता है कि चीनी वैज्ञानिक क्या सोच रहे हैं.

इस कथन मे दम क्यों हो सकता

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के इस रिपोर्ट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. पिछले साल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कई बार सार्वजनिक तौर पर कोरोना को, ‘चीनी वायरस’ कहा था. डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि यह चीन की लैब में तैयार किया गया है और इसकी वजह से दुनिया का स्वास्थ्य सेक्टर खराब हो रहा है, बहुत से देशों की इकोनॉमी इसे नहीं संभाल पाएगी. डोनाल्ड ट्रम्प ने तो यहां तक कहा था कि अमेरिका खुफिया एजेंसियों के पास इसके सबूत और वक़्त आने पर ये दुनिया के सामने रखे जाएंगे.

बहरहाल, ट्रम्प चुनाव हार गए और जो बाइडन एडमिनिस्ट्रेशन ने अब तक इसके बारे में सार्वजानिक तौर पर कुछ नहीं कहा, हालांकि ब्लूमबर्ग ने पिछले दिनों एक रिपोर्टें मे इस तरह इशारा किया था कि अमेरिका इस मामले मे बहुत तेजी से और गंभीरता से जांच कर रही है. Best Good Morning 2021

दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा है कोरोना संक्रमण

दुनियाभर में तेजी से बढ़ता चला जा रहा है कोरोना वायरस. बीते दिन दुनिया में 7.83 लाख नए मामले सामने आए. इसके दौरान 13,022 लोगों की मौत हुई. कोरोना वायरस का प्रकोप सबसे ज्यादा भारत और ब्राजील में देखा जा रहा है. शनिवार को दुनिया में हुई कुल मौतों के 47% मामलें भारत और ब्राजील ने रिकॉर्ड किए गए. भारत में 4,133 और ब्राजील में 2,091 लोगों की कोरोना वायरस की वज़ह से मौत हुई.

अब तक 15.83 करोड़ केस

दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के अब तक 15.83 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. इनमे से 32.96 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है जबकि 13.66 करोड़ लोगों ने कोरोना वायरस को मात दी है. फ़िलहाल 1.92 करोड़ लोगों का इलाज चल रहा है. इसमे 1.91 करोड़ लोगों मे कोरोना के हल्के लक्षण है और 1.07 लाख लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है.

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