ऑक्सीजन और दवाई की कमी से हुए मौत के मुआवजे के लिए SC मे याचिका, कोरोना टेस्ट से मना कर रहे अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग

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ऑक्सीजन और दवाई की कमी से हुए मौत के मुआवजे के लिए SC मे याचिका,
इस याचिका में कहा गया कि जिन लोगों को मौत ऑक्सीजन और दवाई की कमी से हुई है,उसके लिए सीधे-सीधे राज्य सरकार और केन्द्र सरकारों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट मे उन्हें इन्हें इस तरह से मरने वाले लोगों के परिवार को मुआवजा देने के लिए कहा जाए.

नई दिल्ली :- देश मे कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट में भी कई याचिकाएं दायर हो रही है. ऐसी ही एक याचिका मे यह मांग की जा रही है कि जिन लोगों की मौत ऑक्सीजन और दवाई की कमी से हुई है. सरकार को उनके परिवार को मुआवजा देने के लिए कहा जाए.

वहीं एक और याचिका मे यह मांग की जा रही है कि मरीजों की सुविधा के लिए हर जिले में एक विशेष प्रकार की वेबसाइट बनाया जाए. धार्मिक स्थानों को कोविड केयर सेंटर में बदला जाए. Best Good Night Shayari 2021

सामाजिक कार्यकर्ता दीपक राज सिंह की तरफ से दाखिल याचिका मे कहा गया कि जिन लोगों की मौत ऑक्सीजन, दवाई और इलाज की सुविधा मे कमी होने के कारण हुई है, उसके लिए सीधे-सीधे केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन और दवाई की कमी से मरने वाले लोगों की परिवार को मुआवजा देने के लिए कहें. सुप्रीम कोर्ट प्रत्येक राज्यों से इस बारे मे रिपोर्ट ले कि कोरोना की दूसरी लहर फैलने मे किन अधिकारियों की लापरवाही जिम्मेदार हैं. ऐसे अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. साथ ही जो लोग कुम्भ मेला और पांच राज्यों में हुए चुनाव के चलते कोरोना संक्रमित हुए हैं, सरकार उन्हें भी आर्थिक मदद और इलाज की सुविधा दें.

इसी तरह एक याचिका टैक्सपेयर्स असोसिएशन ऑफ भारत नाम की संस्था के अध्यक्ष मनु गौड़ ने भी दाखिल की है. इस याचिका के तहत यह मांग की गई है कि कोविड मरीज़ों का जिलावार आकड़ा जुटाया जाए. इसके तहत उनकी ऑक्सीजन, दवा, और अस्पताल में भर्ती होने से जुड़ी सभी चीज़ का ब्यौरा हो. प्रत्येक जिले मे एक विशेष प्रकार की वेबसाइट बनाई जाए. जहां कोरोना वायरस के मरीज़ खुद को रजिस्टर कर सके. अस्पताल में बेड जैसी जरूरतों की उपलब्धता का पता लगा सकें.

इस याचिका में आश्रम, मदरसा, गुरुद्वारा और चर्च जैसी इमारतों को कोविड केयर सेंटर मे बदलने की भी मांग की गई है. आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, युनानी और नेचरोपैथी के सभी हॉस्पिटलों को भी कोविड केयर सेंटर बनाने की मांग इस याचिका मे कि गई है. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को फेफड़े की बेहतरी से जुड़ी बातों का प्रसारण करने का निर्देश देने की भी मांग याचिकाकर्ता ने की है.

याचिकाकर्ता ने कोरोना टेस्टिंग लापरवाही कर रहे अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. लोगों को टीकाकरण करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 2 बार टीका लगाने के प्रमाण पत्र को लॉकडाउन पास के तौर पर मान्यता देने मांग भी याचिका मे कि गई है. सुप्रीम कोर्ट सोमवार को ऑक्सीजन और दवाओं की कमी से जुड़े मामले पर सुनवाई करेगा यह याचिका भी उसी के साथ सुनवाई के लिए लग सकती है.

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